माहवारी यानी पीरियड्स का खुलकर नाम भी लेना जहां इंडिया में शर्म का विषय माना जाता. वहीं, पूर्वी अफ्रीका के Zambia जैसे छोटे से देश में इस दौरान महिलाओं को एक दिन की छुट्टी का प्रावधान दिया गया है. महिलाओं के हित में ऐसा कानून लाकर Zambia ने एक नई बहस को जन्म दे दिया था. World Menstrual Hygiene Day के मौके पर जानिए महिलाओं की बेहतरी के लिए बनाए गए इस कानून के बारे में…
क्या है इस कानून में?
इस कानून को ‘मदर्स डे’ कहा जाता है जिसे महिलाओं की हर महीने होने वाले पीरियड्स की परेशानियों को मद्देनजर रखकर बनाया गया. दरअसल इस दौरान महिलाओं को कमजोरी, पेट में असहनीय दर्द, सिरदर्द और बाकी दिक्कतें होती हैं जिसकी वजह वह असहज महसूस करती हैं और चाहती हैं कि घर में रहकर ही आराम करें लेकिन ऐसा हो नहीं पाता. इसी परेशानी का हल निकालने की Zambia सरकार ने कोशिश की और 2015 में Zambia के रोजगार कानून में संशोधन किया. इस संशोधन के बाद सभी महिलाओं को हर महीने पीरियड के दौरान एक दिन का अतिरिक्त अवकाश देने का कानून बनाया गया.
इसके तहत महिलाएं पीरियड्स के किसी एक दिन छुट्टी ले सकती हैं. ऐसा करने में उन्हें किसी को बताने की जरूरत नहीं होगी. दिलचस्प बात ये है कि वह महिलाएं भी इस कानून का लाभ उठा सकती हैं जिनका मेनोपॉज हो चुका है. पूरे अफ्रीका में यह अपनी तरह का इकलौता कानून है.
क्यों हुआ विरोध?
दरअसल इस कानून के आने के बाद कुछ विरोध के सुर भी उठे और ऐसा करने वालों में कुछ महिलाएं भी शामिल थीं. उनका कहना था कि इससे काम की प्रोडक्टीविटी पर असर पड़ सकता है और महिलाएं इसका दुरूपयोग भी कर सकती हैं. विरोध के बाद देश के लेबर मिनिस्टर जॉयस नोंदे सिमुकोको ने सफाई देते हुए कहा था, ‘अगर छुट्टी के दौरान कोई महिला डिस्को थेक में पाई जाती हैं तो ये छुट्टी मदर्स डे के लिए मान्य नहीं होगी, इसी तरह इस छुट्टी का लाभ ले रही महिला शहर से बाहर भी न जा सकती हैं, और न ही शॉपिंग. अगर कोई महिला ऐसा करते पाई जाती है तो उसे नौकरी से निकाल दिया जायेगा.’
अन्य देशों में क्या हैं कानून
इस मामले में ज्यादातर देशों में अबतक कोई कानून नहीं बनाए गए हैं. हां, जापान ने 1947 में ही ऐसा कानून बनाया था. इसके अलावा इंडोनेशिया, ताईवान और दक्षिणी कोरिया में भी यह कानून है. ब्रिटेन में कोएग्जि़स्ट नॉन-प्रॉफिट कंपनी ने भी इस तरह का एक प्रयोग शुरू किया है. इस पहल में पीरियड से गुजर रहीं महिलाओं को छुट्टी तो नहीं दी जाती लेकिन उनके वर्किंग हावर्स को फ्लेक्सिबल किया गया है.