प्रियंवदा सहाय:
राधिका अपने महीने के खर्च से बच्चों की पसंदीदा चीजों को खरीदने और उसे भविष्य के लिए बचत करते-करते अपने बारे में जैसे सब कुछ भूल ही गई थी, लेकिन बीमा कंपनी में काम करने वाली दोस्त सपना ने जैसे उसकी आंखें खोल दी. लाइफ इंश्योरेंस पर कंपनियों की सरल पॉलिसी और तय बीमा पर पुरूषों की तुलना में महिलाओं से कम प्रीमियम लेने जाने जैसी महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद राधिका ने 30 की उम्र में भी अपना इंश्योरेंस करा लिया.
सपना ने उसे यह अच्छी तरह समझाया कि घर परिवार से लेकर दफ्तर तक की बागडोर संभालने वाली महिलाओं का जीवन भी पुरूषों से कम अनमोल नहीं है. इसलिए जरूरी है कि पुरूषों की तरह उनके जीवन का भी इंश्योरेंस कराया जाए. जिससे जरूरत पडऩे पर इसका लाभ खुद उन्हें या उनपर निर्भर रहने वाले को मिल सके.
बीमा कंपनियां महिलाओं को विशेष तवज्जो देते हुए एक समान सम इंस्योर्ड पर कम बीमा प्रीमियम वसूलती है. हालांकि इस बारे में महिलाओं को कम जानकारी है. बाजार विशेषज्ञों की माने तो पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं को डेथ क्लेम की संख्या काफी कम है, 100 डेथ क्लेम में महिलाओं का प्रतिशत महज 15.20 फीसदी तक ही है.
पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के मुताबिक महिलाओं और पुरूषों के लाइफ इंश्योरेंस में सामान्यतया तीन साल तक का अंतर देखा जा सकता है. मसलन किसी 33वर्ष की महिला और 30 वर्षीय पुरूष का प्रीमियम लगभग एक समान होता है. इसे समझने के लिए 30 वर्षीय महिला और पुरुष के इंश्योरेंस प्रीमियम की तुलना का डर समझा जा सकता है. 1 करोड़ के बीमा कवर और समय अवधि 35 वर्ष के लिए तय कर तुलनात्मक अध्ययन में देय बीमा प्रीमियम में अंतर स्पष्ट समझा जा सकता है.
आईसीआईसीआई के आईप्रोटेक्ट प्लान में इस राशि पर महिलाओं का 879 रुपए मासिक प्रीमियम देना पड़ता है वहीं पुरूषों को इसके लिए 991 रुपए देना होता है. एचडीएफसी क्लिक टू प्रोटेक्ट में महिलाओं के लिए प्रीमियम 857 रुपए रखा गया है. जबकि पुरूषों को 991 रुपए हर महीने देना होता है. एगॉन आई टर्म में महिलाओं के लिए 558 रुपए और पुरूषों के लिए 676 रुपए रखी गई है, जबकि मैक्स ओटीपी प्लस में महिलाओं के लिए प्रीमियम 621 रुपए और पुरूषों को 807 रुपए देना होता है.
हां, स्वास्थ्य बीमा में महिलाओं को इस तरह की छूट नहीं मिलती है. स्वास्थ्य बीमाएं बीमा कराने वाले की आयु और स्वास्थ्य संबंधी आधारों पर तय होता है.