कविता गुप्ता:
आज हम आपको मध्य प्रदेश की एक ऐतिहासिक नगरी से रूबरू करा रहे हैं. इस नगरी का नाम है Mandu. यूं तो मध्य प्रदेश में कई ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं लेकिन Mandu खूबसूरती के क्या कहने.
इंदौर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर बसा मांडू कभी परमार राजाओं की राजधानी हुआ करता था. लगभग 13वीं शताब्दी तक उस पर मालवा के सुल्तान का शासन रहा. मांडू की बेहतरीन वास्तुकला देश-विदेश में प्रसिद्द है.
यह शहर चारों तरफ से खंडहर और महलों से घिरा हुआ है. 300 साल बीत जाने के बाद भी इन किलों की खूबसूरती लाजवाब है और इनसे नजरें हटाना मुश्किल हो जाता है. हालांकि समय के साथ ये महल टूट-फूट गए हैं पर इनका आकर्षण आज भी बरक़रार है.
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मांडू की इस खूबसूरती में और चार चांद लगाती है रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी जिसके किस्से इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, जब-जब मांडू का जिक्र होता है तब-तब रानी रूपमती और बाज बहादुर के अटूट प्रेम की चर्चा होती है.
कहा जाता है कि राजा बाज बहादुर राजकुमारी रानी रूपमती से बेहद प्रेम करते थे. एक दिन जब वह जंगल से गुजर रहे थे तब उन्होंने रानी को गाना गाते सुना तो मंत्रमुग्ध हो गये. पहले उन्हें अपनी प्रेमिका बनाया और फिर पत्नी. रानी रूपमती के लिए उनके नाम से एक महल भी बनवाया गया था.

सन् 1561 में मुग़ल बादशाह अकबर की सेना ने मालवा पर आक्रमण किया और बाज़ बहादुर को पराजित कर दिया. तब रानी रूपमती शत्रुओं के हाथ लग गयीं, परन्तु रानी रूपमती ने शत्रुओं के आगे समर्पण न करते हुए आत्महत्या कर ली और इसके बाद रानी रूपमती व बाज़ बहादुर की प्रेम कहानी अमर हो गयी.
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इस प्रेम कहानी के अलावा मांडू को और खास बनाते हैं यहां के बेहतरीन महल. इनमें से सबसे ज्यादा लोकप्रिय है जहाज महल जो कि साल पहले 1500 AD में पूरा हुआ. दोनों ओर तालाब से घिरा ये महल जहाज की आकृति में बनवाया गया है. इसलिए इसे जहाज महल कहा जाता है.

इस महल को सिर्फ महिलाओं के रहने के लिए बनवाया गया था. इस महल का निर्माण सन् 1469-1500 के बीच गयासुद्दीन ने करवाया था. यह महल देखने में बिलकुल ऐसा लगता है मानो कोई जहाज पानी में तैर रहा हो.
इसके अलावा हिंडोला महल, होशंग शाह का मक़बरा, जामा मस्जिद, रेखा कुंड, रानी रूपमती महल और होशंग शाह का मकबरा भी देखने लायक हैं. होशंग शाह का मकबरा संगमरमर से बनाया गया है और इसमें अफगान वास्तुकला की खूबसूरत झलक है. जामा मस्जिद अफगान वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरण में से एक है.

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कब जाएं?
यूं तो मांडू पूरे साल ही जाया जा सकता है लेकिन मानसून के बाद इसकी खूबसूरती में और निखार आ जाता है क्योंकि महलों के चारों तरफ हरियाली आपका मन मोह लेती है.
कैसे पहुंचे?
आप हवा, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं. 98 किलोमीटर दूर इंदौर एयरपोर्ट हैं जहां से प्री-पेड टैक्सी आसानी से मिल जाती है. वहीं रेल मार्ग के लिए रतलाम सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है जो कि 124 किलोमीटर दूर है.
इसके अलावा देश के सभी बड़े शहरों से बस के जरिए आसानी से आप मांडू की यात्रा प्लान कर सकते हैं. एमपी टूरिज्म के कई बेहतरीन और सस्ते होटलों में रूककर आप अपने इस ट्रिप को यादगार बना सकते हैं.
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