ग्वालियर में भी होंगे बैष्णो देवी के दर्शन
हिन्दू धर्म के लोगों का मां वैष्णो देवी में बहुत मान्यता है. 52 शक्तिपीठों में सबसे कठिन यात्रा भी वैष्णो देवी की ही है, मगर अपने जीवनकाल में हिन्दू धर्म को मानने वाला हर व्यक्ति कठिनाईयों को झेलकर भी मां वैष्णो के दर्शन कर खुद को धन्य करना चाहता है.मान्यता के अनुसार मां के दर्शन तब ही होते हैं जब मां अपने भक्त को बुलाती है. कई बार कठिन यात्रा करने के भय से लोग मां के दर्शन से वंचित रह जाते हैं.
मां बैष्णो देवी के दर्शन और भक्तों को मां तक पहुंचने और उनके दर्शन करने के लिए करीब 50 वर्ष पूर्व स्वामी बदरू राम शर्मा ने जम्मू के बैष्णो माता के मंदिर की तर्ज पर ग्वालियर की साखिया विलास पहाड़ियों पर मां वैष्णो देवी की प्रतिमा की स्थापना की. यहां भी लगभग वैसा ही विशाल दरबार बनवाया जैसा जम्मू स्थित मां वैष्णो देवी का है.
इस मंदिर की सबसे दिलचस्प बात यह है की यहां भी भक्तों को माँ के दर्शन करने के लिए एक गुफा के अंदर से हो कर गुजरना पड़ता है जैसा की वैष्णो देवी के मंदिर में करना पड़ता है. मंदिर से बाहर निकालने का रास्ता भी गुफा के अंदर से ही जाता है. इस गुफा में प्रवेश करते ही भक्तों को पानी और ठंड का सामना करना पड़ता है. यह बिलकुल वैसा ही है जैसे जम्मू में मां के मंदिर में प्रवेश करने से पहले होता है.
नवरात्रि के समय हर वर्ष इस मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है. कहते हैं मां वैष्णो ने सपने में स्वामी बदरू राम को दर्शन दिए थे और मंदिर बनवाने को कहा था. मंदिर में भगवान भैरव और शिव जी का भी मंदिर है. यहां भक्त जो भी मुराद मांगते हैं वो पूरी हो जाती है.