जूली जयश्री:
घर- घर में Maa Durga के आगमन की तैयारी शुरु हो चुकी है. हिन्दू सनातन धर्म में मां दुर्गा को शक्ति के रुप में पूजा जाता है. हम सब का यही प्रयास रहता है कि यथासाध्य हम सब पूरे विधि विधान के साथ मां शक्ति स्वरुपा की पूजा अर्चना करें. इसके लिए सभी प्रचलित रिवाज को अपनाते हैं .लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि इन विधि विधान के पीछे के असली वजह को भी हम जानते हों जैसे कि मां दुर्गा की पूजा में लाल रंग का खास महत्व क्यों है?
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पंडित नागेंद्र झा से जानिए- मां दुर्गा को लाल क्यों प्रिय है?

माता दुर्गा को लाल रंग अति प्रिय होने के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही महत्व हैं. शास्त्रों के अनुसार जब माता ने राक्षसों का संहार किया तो उनका शरीर रक्त से लाल हो गया था. अपने इस रुप को पाकर वो प्रसन्न हो गई थी. तभी से ये लाल रंग माता के स्वरुप से जुड़ गया और ऐसी मान्यता बन गई कि लाल रंग की वस्तुएं चढाने से मां बहुत प्रसन्न होती हैं.
दूसरी तरफ लाल रंग दृढता और साहस का भी प्रतीक होता है इसलिए इस रंग से पूजा करने से साधक की इच्छाशक्ति मजबूत होती है. खासतौर पर लाल गुड़हल का फूल शक्ति और उर्जा का श्रोत होता है, इससे आपके चारों तरफ पॉजिटिव उर्जा का संचार होता है और मां प्रसन्न होकर आप पर आशीर्वाद की वर्षा करती हैं .
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पंडित नागेंद्र झा बताते हैं दुर्गा मां की पूजा में लाल रंग से मां के ऋंगार का महत्व तो है ही, साथ ही साथ साधक के भी सजने संवरने में इस रंग को बहुत महत्व दिया जाता है . ऐसा माना जाता है कि साधक को भी पूरे श्रंगार के साथ ही पूजा करनी चाहिए .इसके पीछे ये वजह है कि जब आप अच्छे से तैयार होते हैं तो आप आत्मविश्वास और पॉजिटिविटी से भरे होते हैं और खुद को मां दुर्गा के ध्यान में लीन होने के लिए तैयार कर पाते हैं.