यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने एक बड़ा मुद्दा यह बनाया था कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता गुंडागर्दी करते हैं. सपा पर यह भी आरोप था कि उनके कार्यकर्ताओं का सरकार. ज़िला प्रशासन और पुलिस के कामकाज में काफी दखल होता है. लेकिन राज्य में बीजेपी की सरकार आने के बाद भी लगता है कि हालात बदले नहीं हैं. यूपी की एक नौजवान महिला पुलिस अफसर श्रेष्ठा सिंह को बीजेपी के लोकल नेताओं से उलझने की सज़ा मिल गई है और उनका तबादला कर दिया गया है .इसके साथ ही योगी सरकार के एक मंत्री साहब तो सीएम साहब को इस बात की धमकी दे आए हैं कि यदि उनके कहने पर एक ज़िला कलेक्टर का तबादला नहीं किया गया तो वे इस्तीफ़ा दे देंगें. अपने तबादले की जानकारी श्रेष्ठा ने फेसबुक पर दी और लिखा-‘जहां भी जाएगा रोशनी लुटाएगा, चिरागों का अपना मकां नहीं होता’. लोग सोशल मीडिया पर खुलकर श्रेष्ठा सिंह के समर्थन में आ गए हैं. लोग उनकी तुलना लेडी शिंघम से करने लगे हैं.
बुलंदशहर में डिप्टी एसपी पद पर रही श्रेष्ठा सिंह का नाम भी उन पुलिस अफसरों की लिस्ट में जुड़ गया है जो इस साल बीजेपी की सरकार बनने के बाद बीजेपी नेताओं से उलझ पड़ीं. श्रेष्ठा का तबादला बुलंदशहर से बहराइच कर दिया गया है.
बुलंदशहर में श्रेष्ठा सिंह ने पिछले दिनों ट्रैफ़िक नियम तोड़ने के आरोप में लोकल बीजेपी लीडर का चालान कर दिया था. पेशी पर कोर्ट में गए बीजेपी नेता और उनके समर्थकों ने पुलिस अधिकारी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की. बताया जाता है कि समर्थकों ने उन्हें सबक़ सिखाने की धमकी भी दी .अब एक सप्ताह बाद श्रेष्ठा सिंह का तबादला कर दिया गया. यह सबक सिर्फ़ श्रेष्ठा सिंह के लिए ही नहीं, दूसरे अफसरों के लिए भी है ताकि वे आगे से ऐसी “ग़लती” ना करें.
बुलंदशहर की डिप्टी एसपी श्रेष्ठा सिंह की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद यहां पहली पोस्टिंग थी. क़रीब एक सप्ताह पहले बीजेपी नेताओं से उनसे नाराज़गी का वीडियो वायरल हो गया था. इस वीडियो में श्रेष्ठा सिंह इन नेताओं से कहती दिख रही हैं कि वो क़ानून तोड़ने वाले किसी भी आदमी लिहाज़ नहीं करेंगी. यदि किसी को क़ानून तोड़ना हो तो वो इसकी इजाज़त सीएम से लेकर आए.
इस शनिवार को उनका तबादला कर दिया गया. सरकार का कहना है कि यह रुटीन ट्रांसफर है. सरकार की तबादली नीति के मुताबिक दो साल से ज़्यादा से एक जगह पर रहने वाले अफसरों का ट्रांसफर किया जाएगा, लेकिन सवाल इसलिए है क्योंकि श्रेष्ठा सिंह की पोस्टिंग को अभी सिर्फ़ आठ महीने हुए हैं
यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद से क़ानून व्यवस्था की स्थिति पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. साथ ही वहीं बीजेपी के लोकल नेताओं की पुलिस से गरमागरमी की ख़बरें सरकार को परेशान कर रही हैं लेकिन सज़ा पुलिस अफसरों को ही मिल रही है.
वैसे तो आमतौर पर पुराने अफसर अपने अनुभव के बाद सरकार में होने वाली किसी भी पार्टी के नेताओं के साथ पंगा नहीं लेते हैं, लेकिन अगर नए अफसर कानून का पालन करना चाहें तो वो भी बर्दाश्त नहीं होता. एक नौजवान महिला पुलिस अफसर को अच्छे काम का ये इनाम मिलेगा तो पिर योगी जी यूपी के हालात ठीक कैसे करेंगें ?
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