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संयोगिता कंठ:

क्या कभी बॉस या कोई और सहकर्मी जानबूझ कर आपको छूने या क़रीब आने की कोशिश करते हैं, क्या उनकी नज़र आपको अच्छी नहीं लगती, क्या उनके डबल मिनिंग वाले कमेंट आपको असहज कर देते हैं, तो सचेत हो जाइए, हो सकता है आप यौन शोषण का शिकार हो रही हैं. क्या आपने सोचा है कि यदि आपके साथ ऑफिस में किसी भी तरह की छेड़छाड़ होती है या आपसे सेक्सुअल फेवर मांगा जाता है तो यह अपराध है और आप इसके खिलाफ शिकायत भी कर सकती हैं.

 

यदि कोई जानबूझ कर आपके शरीर को स्पर्श करने की कोशिश करता है यह यौन शोषण है.

किसी के कपड़े, चलने- फिरने, उठने-बैठने पर कमेंट करने या किसी भी तरह का अश्लील कमेंट करना भी इसके दायरे में आता है.

मौखिक तौर पर, इशारों में या लिखित अशोभनीय व्यवहार करना या भद्दे फोटो या वीडियो दिखाना भी यौन शोषण है.

यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी यौन संपर्क करने के लिए अपने महिला कर्मचारी या महिला सहकर्मी पर दबाव डालता है या जबरदस्ती करता है, या प्रोमोशन और वेतन वृद्धि का प्रलोभन देता है यौन शोषण का सबसे गंभीर मामला है. 

महिलाओं को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सभी दफ्तरों में एक शिकायत कमेटी, एक विशेष परामर्शदाता और शिकायतों को जांचने के लिए अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करने की सिफारिश की है.

इस शिकायत कमेटी की अध्यक्ष और कम से कम आधी सदस्य महिलाएं होंगी. संस्थान के अंदर के लोगों को दबाव को रोकने के लिए इस कमेटी में किसी तीसरे पक्ष को भी शामिल किया जा सकता है. शिकायत को गोपनीय रुप से निपटाना होगा.

यदि आपको भी लगता है कि आप किसी न किसी तरह के यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं तो अपने ऑफिस के शिकायत कमेटी में इसकी शिकायत जरुर करें, चुप ना बैठें

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