जयपुर की मशहूर फैशन डिजाइनर कीर्ति सिंह कच्छवाह ने अपनी कड़ी मेहनत और जुनून से 28 साल की उम्र में फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में एक अलग मुकाम हासिल किया है. कीर्ति ने अपनी कड़ी मेहनत और जज्बे के दम पर देश ही नही बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बनाई है. उनके संघर्ष से सफलता की दास्तां बेहद ही दिलचस्प है. उन्होंने Facebook का इस्तेमाल बिजनेस बढ़ाने के लिए किया और फेसबुक ने ही कुछ दिनों पहले उनकी सक्सेज स्टोरी की है.
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फेसबुक ने बदली जिंदगी
सोशल मीडिया को जहां टाइमपास की नजर से देखा जाता है, कीर्ति ने उसी प्लेटफॉर्म का सही उपयोग कर एंटरप्रेन्योर बनी है. वे बताती हैं कि आज से 5 साल पहले मैंने फेसबुक का इस्तेमाल अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए किया. मैंने अपने डिजाइन आउटफिटस की फोटो खिंच कर फेसबुक पर डाले. लोगो को मेरे डिजाइन पसंद आने लगे और फेसबुक पर ही मुझे ऑर्डर मिलने लगे.
शुरुआत में फेसबुक पर मेरे 500 लोग जुड़े, लेकिन आज दुनिया भर से डेढ लाख लोग जुड़े हुए है. मेरे बनाए ट्रेडिशनल आउटफिट्स को विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है और खूब पहना जा रहा है. विदेशों में राजस्थान के ट्रेडिशनल आउटफिट्स को पसंद किया जाता है.
वे कहती हैं कि मेरा मानना है कि सोशल मीडिया गलत और सही दोनों है. आप पर निर्भर करता है कि उसका इस्तेमाल कैसे करना है. फेसबुक बड़ा प्लेटफॉर्म है जहां चैटिंग और टाइमपास नहीं करके इसका इस्तेमाल अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में किया जा सकता है. भरोसे और क्वालिटी को कायम रखना जरुरी है. यही वजह है कि फेसबुक ने अभी कुछ दिनों पहले मेरी सक्सेज स्टोरी भी की है. मैंने अपना सारा बिजनेस घर से ही चलाया. बस अभी कुछ महीने पहले ही स्टोर की शुरुआत की है.
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डॉल की ड्रेस डिजाइन करती थीं
कीर्ति को अपनी डॉल की की ड्रेस डिजाइन करना बेहद पसंद था. डॉल की ड्रेस और ज्वैलरी डिजाइन करती थी. बस इस हुनर को हॉबी से प्रोफेशन बना लिया. उन्होंने 18 साल की उम्र में पिता स्व. महेन्द्र सिंह कच्छवाह को एक एक्सीडेंट में खो दिया था. परिवार में बड़ी बेटी होने की वजह से जिम्मेदारी उन पर आ गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. वे अभी दो छोटी बहनों और एक भाई की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है. कीर्ति बताती है कि पापा कहते थे कि ये हमारी मेरी बेटिया नहीं बल्कि बेटे है.
वे कहती हैं कि मुझे खुशी और गर्व है कि मैंने जो भी किया अपने दम पर किया और आज लोग मुझे मेरे काम और नाम से जानते है. मेरी डिजाइंस को लोग पसंद करते है यही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है. फैशन डिजाइनिंग मेरा जुनून है. मैंने हमेशा अपने क्लाइंट्स के विश्वास को कायम रखा है. उनका कहना है कि जो डिजाइन वे फेसबुक पर दिखाती हैं वो ही डिजाइंस कस्टमर को देती है. क्वालिटी से कभी समझौता नही किया. 18 घंटे काम किया और रात में भी विदेशी क्लाइंट्स को उनकी सवालों के जवाब दिए.
ट्रेडिनशनल आउटफिट्स है पहचान
कीर्ति की पहचान ट्रेडिशन आउटफिट्स है सिफ़ॉन साड़ी. वे राजपूती ट्रेडिशन के साथ ही सभी ट्रेडिशन के आउटफिट्स बनाती हैं. ज्वैलरी भी डिजाइंस करती हैं. वे इसके जरिए राजस्थान की परम्परा को संजोने और संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम कर रही है.
कीर्ति प्लानिंग कर रही हैं कि एक फैमिली को एक ही जगह सभी तरह के ट्रेडिशनल आउटफिट्स मुहैया कराया जाए. जहां पैरेंट्स के साथ बच्चों के लिए भी ट्रेडिशनल आउटफिट्स मिले. कीर्ति ब्राइडल के साथ ही ग्रूम के भी आउटफिटस डिजाइन कर रही हैं.
वे मां फूल कंवर को अपना आदर्श और प्रेरणा मानती हैं. वे बताती हैं कि मां ने हमेशा गाइड किया और प्रेरणा दी. उन्होंने हमें पूरी मेहनत और ईमानदारी से आगे बढ़ने की सीख दी. जब पिता को खोया तो मां को रिश्तेदार कहते थे कि 3 बेटियां है अब इनकी शादी कर दो, लेकिन नहीं मां ने कहा कि जब तक मेरी बेटिया अपने पैरो पर खड़ी नही हो जाती तब तक नही करुंगी. मां को आज गर्व है कि उनकी बेटी ने अपने दम पर मुकाम हासिल किया है.
कमाई का कुछ हिस्सा जरुरतमंदो पर खर्च
कीर्ति हर साल अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अलग से रखती है और उसे जरुरतमंदों पर खर्च करती है. वे उन पैरेंट्स के इलाज के लिए पैसे खर्च करती है जिन्हें उनके परिवार ने घर से बाहर निकाल दिया. वे कहती हैं कि जिनके मां-बाप होते हैं उन्हें उनकी कद्र नही होती लेकिन जिनके पास नहीं होते उन्हे उनकी अहमियत का अहसास है.
(साभार-फोकस भारत)
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