आज नवरात्र का अंतिम दिन है. हर तरफ कन्या पूजन का सिलसिला जारी है, लेकिन इस बीच लड़कियों को लेकर सुरक्षा की चिंता भी जस -की तस है. देश भर में जिस तरह महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए मां-बाप को अपने बेटियों की सुरक्षा की हर वक्त फिक्र होने लगी है. आलम यह है कि यदि बाहर गई बेटी Night के 9 बजे तक घर न लौटे तो Parents घबराने लगते हैं.
इंडिया स्पेंड के देश के चार महानगरों में कराए गए सर्वे के मुताबिक लोग घर के बाहर बेटियों के रहने पर सुरक्षित महसूस नहीं करते. चार महानगरों में 20,597 परिवारों पर किए गए सर्वे के मुताबिक रात 11 बजे के बाद यदि बेटे भी नहीं लौटे तो चिंता हो जाती है.
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सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में 51 फीसदी लोग अपराध को एक गंभीर समस्या मानते हैं. दिल्ली में घर से बाहर गई महिला यदि रात 9 बजे तक नहीं लौटती है तो माता-पिता परेशान हो उठते हैं. माता- पिता की चिंता बेवजह नहीं है. इसके कारण भी साफ है.
दिल्ली में 2011 में रेप के 527 मामले दर्ज हुए थे. वहीं 2016 में यह आंकड़ा बढकर 2155 तक पहुंच गया. आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पिछले पांच सालों में रेप के मामले में 277 फीसदी का इजाफा हुआ है. इससे साफ समझ में आता है कि दिल्ली लड़कियों के लिए किस कदर असुरक्षित है.
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दिल्ली के बाद बेगलुरु के लोग बेटियों को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं. यहां 54फीसदी परिवार ऐसे हैं जहां बेटी के 9 बजे तक घर नहीं पहुंचने पर परिवार बेचैन हो जाता है. चेन्नई में ऐसे परिवारों की संख्या 48 फीसदी है. मुंबई में यह आंकड़ा सबसे कम 30 फीसदी है.
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वैसे दिल्ली के मुकाबले मुंबई के लोग सुरक्षा को लेकर ज्यादा आश्वस्त है इसलिए बेटी यदि रात 9 बजे तक भी घर नहीं आए तो लोग घबराते नहीं है. हां लेकिन वे यहां महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की ज्यादा चिंता करते हैं. मुंबई के परिवारों में यदि बेटा रात 11 बजे तक नहीं लौटता है तो लोग बेचैन हो जाते हैं.
(साभार-हिंदुस्तान)
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