Delhi University के 24 कॉलेजों में हर चार में से एक छात्रा यौन उत्पीड़न का शिकार है. इसका खुलासा NSUI (एनएसयूआई) की ओर से इन कॉलेजों में किए गए सर्वे में हुआ है. सर्वे में 810 स्टूडेंट्स शामिल हुए, जिनमें 736 छात्राएं और 74 छात्र थे.
सर्वे में दावा किया गया है कि 50 फीसदी छात्राएं यह भी नहीं जानती हैं कि यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायत कॉलेज में कहां और किससे करनी है. यह सर्वे डीयू के 24 कॉलेजों में यौन उत्पीड़न और इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (आईसी) के हालात को जानने के लिए किया गया.
तीन महीने तक चले इस सर्वे में 70 फीसदी छात्राओं ने बताया कि कई कॉलेजों में आईसीसी के सदस्यों के पद और उनके नंबर तक डिस्पले बोर्ड पर नहीं लगे हैं. सर्वे में दावा किया गया है कि आईसीसी सही तरीके से शिकायतों का ब्यौरा तक तैयार नहीं करती.
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एनएसयूआई के नेशनल मीडिया इंचार्ज मिलाश मैथ्यू का कहना है कि डीयू के 50 कॉलेजों के छात्र नेताओं से बातचीत में पता चला कि 22 कॉलेज ऐसे हैं जहां आईसीसी के सदस्यों का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से नहीं किया गया. उनके मुताबिक यह यूजीसी के नियमों का उल्लंघन है.
एनएसयूआई ने डीयू प्रशासन को कुछ सुझाव दिए हैं जो इस तरह के हैं…
1-हर कॉलेज में लोकतांत्रिक तरीके से हो आईसीसी के सदस्यों का चुनाव
2-आईसीसी के सदस्यों में तीन स्टूडेंट्स को शामिल किया जाए, जिनमें दो छात्राएं हों
3-डीयू के सभी कॉलेजों में छात्राओं को आईसीसी के प्रति जागरुक किया जाए
4-छात्राओं की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक्सपर्ट काउंसलर्स की नियुक्ति हो
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5-इवनिंग कॉलेजों के पास स्ट्रीट लाइट लगाने की व्यवस्था की जाए
6-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए यूनिवर्सिटी स्पेशल बस चलाई जाए.
(साभार-दैनिक भास्कर)
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