स्वाति सिंह:
पीरियड के मुद्दे पर लड़कियों के अनुभव जानने और #MyFirstBlood अभियान के बारे में जानकारी देने मैं पहुंची थी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, भिखारीपुर (राजातालाब) में. इसके लिए हमने एक वर्कशॉप का आयोजन किया था.
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लड़कियों से सामूहिक चर्चा शुरु हुई. पहले पीरियड का नाम सुनकर ही उनमें एक शर्म और झिझक देखने को मिली, लेकिन बाद में बातचीत के जरिए इस झिझक को तोड़ने की कोशिश की गई और लड़कियों ने खुल कर पीरियड के अलग-अलग पहलुओं पर अपने अनुभव बताएं.
लड़कियों ने पीरियड के नाम पर लगाए गए पाबंदियों की बात को अलग-अलग पोस्टर के माध्यम से साझा किया. वर्कशॉप में विद्यालय की छात्रा वर्षा, दीपिका, चांदनी और ज्योति ने खुलकर अपनी अनुभव बताए जो कुछ इस तरह थे.
1- कितना भी दर्द हो दवा नहीं खाना चाहिए
2-श्रृंगार नहीं करना और उसका सामान नहीं छूना.
3-पीरियड में अचार नहीं छूना चाहिए
4-बैठना नहीं चाहिए.
5-पूजा नहीं करना चाहिए
6-खट्टी चीजें नहीं खानी चाहिए.
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ज्यादतर लड़कियां इस बात से अंजान थी कि इस दौरान साफ-सफाई और अपने स्वास्थय का ध्यान कैसे रखना चाहिए? मैंने उन्हें पीरियड के दौरान खानपान और साफ सफ़ाई के बारे में जानकारी दी.
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