आयरन वूमन कहलाने वाली Mirabai Chanu ने 21वें Commonwealth Games के पहले ही दिन भारतीयों को गर्व करने का बेहतरीन मौका दिया. उन्होंने अपने देश के लिए Weightlifting में पहला गोल्ड जीता. 196 किलो वजन उठाकर चानू ने एक बार में ही 12 रिकॉर्ड भी तोड़ दिए.

अपनी इस उपलब्धि के कारण मीराबाई चानू अब वर्ल्ड चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ दोनों में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला वेटलिफ्टर बन गई हैं. उन्होंने जो 12 रिकॉर्ड तोड़े हैं उनमें 6 इंटरनेशनल, 3 नेशनल और 3 पर्सनल रिकॉर्ड शामिल है.
23 साल की चानू ने 196 किलो का वजहन उठाया जो रियो की सिल्वर मेडलिस्ट इंडोनेशिया की श्रीवाहुनी ऑगस्तियानी के उठाए वजन से 4 किलो ज्यादा है. रियो ओलंपिक में चानू अपना गेम पूरा ही नहीं कर पाई थीं. वे जितने भार से रोजाना प्रैक्टिस किया करती थीं गेम वाले दिन उसी भार को उठाने में उनके हाथ ठिठक गए थे.
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इस कारण चानू की कड़ी आलोचना हुई और वे भारी मानसिक तनाव से गुजरीं. एक बार तो उनके मन में इस खेल को अलविदा कहने का ख्याल भी आया लेकिन अपनी मजबूत इच्छाशक्ति की बदौलत चानू ने उस आलोचना को कड़ी मेहनत में बदल दिया. उन्होनें खुद को कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए तैयार करना शुरु किया और आज नतीजा सबके सामने है.
उन्होंने कॉमनवेल्थ में स्नैच और क्लीन एंड जर्क में अपनी सभी 6 लिफ्ट में नए रिकॉर्ड बनाए. चानू भारतीय महिला वेटलिफ्टिंग की आइकन मानी जाने वाली कुंजरानी देवी को अपना आदर्श मानती हैं और शुरुआत में सुविधा की कमी ोहने के कारण उन्होंने बांस से अभ्यास शुरु किया था.
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गोल्ड मेडल जीतने के बाद चानू ने कहा कि मैं रियो में पदक न जीत पाने से निराश थी. इसलिए इस खेल में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने को ही अपना मिशन बना लिया. मैं अपनी सबसे बड़ी प्रदिद्वंदी हूं. मुझे हमेशा अपना रिकॉर्ड तोड़ने की लालसा रही.
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