#MeriRaatMeriSadak CAMPAIGN का दूसरा दिन

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Meri raat Meri sadak
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# MeriRaatMeriSadak Campaign के दूसरे दिन देश भर की महिलाओं का जज्बा हैरान करने वाला रहा. रात में सड़कों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के मकसद से सोशल मीडिया पर शुरु हुए कैंपेन पर महिलाओं का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. 19 अगस्त की रात महिलाएं फिर निकलीं  सड़क पर इस उम्मीद के साथ कि माहौल जरुर बदलेगा.  




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सोशल मीडिया से शुरु हुआ ये Campaign धीरे धीरे जोर पकड़ता जा रहा है . Campaign के दूसरे दिन लखनऊ से गीता प्रभा, पंचकुला से सहारन मंजली, नागपुर से मंजली नानवती के सानिध्य में भी महिलाएं अपने अपने शहर को सुरक्षित बनाने के लिए रात में घरों से निकलीं . कैंपेन को शुरु करने वाली गीता यथार्थ पंचकुला में अपने साथियों का हौसला बढ़ाने पहुंची. गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में Womenia की संपादक प्रतिभा ज्योति और Mera Rang कार्यक्रम की संचालक शालिनी के सहयोग से साइंटिस्ट योगिता शुक्ला, रंगकर्मी अज्ञेश, रेणू सिंह ,नीलम संजना शर्मा, रश्मि, अभिलाषा,  कल्याणी,  निशा, अंजू पंत, सीमा गोयल, अणू शर्मा, जूली झा ,राजी खुशी, नीति वर्मा, समेत बड़ी संख्या में महिलाएं इकट्ठा हुईं.  .

 




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गाजियाबाद की टोली वसुंधरा अग्रसेन चौक से लेकर अटल चौक तक मार्च करती रही. इस दौरान स्थानीय लोगों को इस Campaign की धारणा को समझाने का प्रयास किया गया और संदेश दिया गया कि यदि अधिक से अधिक संख्या में महिलाएं रात में निकलें तो वे समाज की मानसिकता को तोड़ सकती हैं. कैंपेन में शामिल काउंसलर डॉ. नीलम शर्मा ने क्राइम साइकोलॉजी और बच्चों की परवरिश को लेकर बहुत सार्थक चर्चा की .उनका कहना था कि बच्चों को एक बेहतर इंसान बनाने की शुरुआत घर से करनी चाहिए तभी वो आगे जाकर एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकेंगे .उन्होंने मेरी रात मेरी सड़क Campaign की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह के पहल से महिलाओं के अंदर छुपी झिझक दूर होगी .




#Meri Raat Meri Sadak Campaign के दूसरे दिन महिलाओं की बढी तादात ने इस मुहिम को तेज कर दिया है.   और लोगों में जोश से भर दिया है. जिस तरह महिलाएं समाज की बनी-बनाई धारणा को तोड़ कर धीरे धीरे बडी संख्या में घर से बाहर आ रही है उससे हम सबका हौसला और बढ गया है और यकीन है कि सरकार और समाज रातों में सड़कों को महिलाओं के लिए महफूज बनाने के लिए कोई ठोस कदम जरुर उठाएगी. 

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