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transgender Sadhana Mishra
transgender Sadhana Mishra

भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टिट्यूट ओफ सोशल साइंसेज में 10 जून एक यादगार दिन बन गया. इसी दिन इंस्टीच्यूट ने एक ट्रांसजेंडर को नौकरी का मौका देकर इतिहास रचा है. इंस्टीच्यूट ने transgender Sadhana Mishra को एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है. साधना मिश्रा ने 10 जून को ज्वॉयन किया है और इसी दिन उनका जन्मदिन भी था.




साधना ने कहा मुझे आज बहुत खुशी महसूस हो रही है क्योकिं यह मेरी जिंदगी की यह नई शुरुआत है. मेरे जन्मदिन पर इससे बड़ा कोई गिफ्ट नही हो सकता है. मैं इसके लिए कलिंग इंस्टीट्यूट के फाउंडर अच्युत सामंता जी की शुक्रगुजार हूं. उन्होंने एक transgender को यह मौका दिया है इससे समाज में बड़ा बदलाव आएगा. उनका कहना है कि मुझे जो भी जिम्मेदारी मिली है. उसे मैं पूरी ईमानदारी से बखूबी निभाऊंगी.




क्योंझर कस्बे से आने वाली transgender Sadhana Mishra ने सोशल वर्क एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया है. वे पिछले कई सालों से transgender को समाज की मुख्यधारा में लाने, लैंगिक भेदभाव मिटाने वंचित बच्चों और महिलाओं के हितों में काम कर रही हैं. वे कई एनजीओ के साथ काम कर चुकी हैं. अक्तूबर 2016 में उन्होंने अमेरिका के इंटरनेशनल विजिटर लीडरशीप प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया था.




वहीं इंस्टीच्यूट के फाउंडर अच्युत सामंता का कहना है कि इससे समाज के सामने एक उदाहरण पेश होगा कि ट्रांसजेंटर को भी बराबरी का अधिकार दिया जा सकता है जिससे उन्हें भी सम्मान मिल सके. उन्होंने कहा कि साधना वेल एजुकेटेड और टैलेंटेड है. उन्हें यह जॉब अपनी काबलियत की वजह से मिली है. मुझे उम्मीद है कि साधना समाज के सामने एक मिसाल बनेगी जिससे ट्रांसजेंडर को भी समाज के मुख्यधारा में आने का मौका मिलेगा.  

कलिंग इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की नींव 1993 में अच्युत सामंता ने रखी थी. यहां आदिवासी बच्चों के निशुल्क शिक्षा के साथ ही उनके रहने की भी व्यवस्था है. यहां करीब 25 हजार बच्चे तालीम हासिल कर रहे है.

 

 

Courtesy –focus bharat