सोनाली तोमर:
मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का और हिजाब जैसे पूरे शरीर को ढकने वाले लिबास पहनना उनके धर्म के हिसाब से जरुरी हो जाता है. इस्लाम धर्म में बुर्का और हिजाब को स्त्रियों के सम्मान के साथ जोड़ा जाता है. बदलते दौर में अब बुरका और हिजाब में लिपटी रहने वाली मुस्लिम महिलाओं ने भी फैशन के बदलते दौर में अपने कदम रख दिए हैं. अपनी परंपरा से समझौता किए बिना वे फैशनेबल हिजाब और बुर्का पहनने लगी है. वहीं हिजाब ग्लोबल फैशन मार्केट में अपनी एक नई जगह बनाने लगा है. डिजाइनर भी इस पर नए-नए प्रयोग कर रहे हैं.

अब मुस्लिम महिलाएं मजबूर नहीं बल्कि स्टाइल और फैशन में भी hijab का प्रयोग करने लगी हैं. अब रंग-बिरंगे बेहतरीन फैब्रिक के बेहद ट्रेंडी हिजाब मार्केट में उपलब्ध है जो कैरी करने में इजी करने के साथ-साथ स्टाइलिश भी हैं. शिफॉन, जॉर्जेट, सिल्क और कॉर्टन में फैशनेबल हिजाब आ गए है. बदलते फैशन के हिसाब से रंगों और पैटर्न में भी कई बदलाव किए जा रहे हैं. ऑन डिमांड भी हिजाब के डिजाइन तैयार होने लगें हैं और ऑन लाइन मार्केटिंग के कारण इसे घर पर मंगाना भी आसान है.
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हिजाब का फैशन दुनियाभर में है. फैशन के अनुरुप रंग-बिरंगे कई प्रकार के hijab market में मौजूद है. दिल्ली में भी hijab का बड़ा मार्केट है. मीना बाज़ार में hijab कॉर्नर के मालिक नदीम खान बताते हैं हिजाब का मतलब अपने आप को छुपाना होता हैं, जिसमें वे सबको देखें लेकिन उन्हें कोई न देखे.” वे बताते हैं कि गर्मी हो या सर्दी हिजाब दोनों मौसम में भी पहना जा सकता हैं. यह महिलाओं की त्वचा और बालों को धूप, धूल और प्रदूषण से भी बचाता हैं. स्कूल-कॉलेज और ऑफिस जाने वाली दिल्ली- एनसीआर की लड़कियां हिजाब की सबसे बड़ी खरीदार होती हैं. दिल्ली आने वाले टूरिस्ट महिलाएं भी यहां के मार्केट से हिजाब खरीदना नहीं भूलती.

हिजाब एक अरबिक शब्द हैं. यह हिजाबी फैशन उन महिलाओं के लिए पसंदीदा बनकर उभरा जो हिजाब पहनकर पारंपरिक दिखने के साथ खुद को फैशनेबल और स्टाइलिश देखना पसन्द करती हैं. फैशन के बदलते मौसम में हिजाब मुस्लिम महिलाओं को अधिक फैशनेबल बना देता हैं. अधिकतर स्कूल गर्ल्स, कॉलेज गोइंग गर्ल्स और वर्किंग वीमेन हिजाब पहनना पसंद करती है.
तुर्की में महिला पुलिसकर्मियों को भी हिजाब पहनने की मंजूरी मिल गई है. स्कॉटलैंड और कनाडा पुलिस में भी शामिल मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने की मंजूरी है. ‘नीलोफर हिजाब’ की ब्रांड एम्बेस्डर नूर नीलोफा मोहम्मद नूर एक मलेशियाई सेलेब्रिटी है और उनके हिजाब पहनने के स्टाइल के लाखों दीवाने है. भारत की “इकरा रसूल” हिजाब पहनकर क्रिकेट खेलती हैं. इसी साल मिलान फैशन वीक में पहली बार हिजाब पहनकर रैंप पर उतरी मॉडल हलीमा एदन. इसकी वजह से सोमालिया मूल की हलीमा फैशन की दुनिया में बहुत चर्चित हो गईं. मुस्लिम देशों में हिजाब की मांग लगातार बढ़ रही है क्योंकि मुस्लिम महिलाएं अपना सिर ढंकना चाहती हैं क्योंकि क़ुरान में महिलाएं और पुरुष दोनों को सिर ढंकने की बात कही गई है. लेकिन हम इतना कह सकते हैं कि जब से हिजाब फैशनेबल हो गए वे महिलाओं के तरक्की के रास्ते के पत्थर नहीं साबित हो रहे.
सोनाली तोमर:
मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का और हिजाब जैसे पूरे शरीर को ढकने वाले लिबास पहनना उनके धर्म के हिसाब से जरुरी हो जाता है. इस्लाम धर्म में बुर्का और हिजाब को स्त्रियों के सम्मान के साथ जोड़ा जाता है. बदलते दौर में अब बुरका और हिजाब में लिपटी रहने वाली मुस्लिम महिलाओं ने भी फैशन के बदलते दौर में अपने कदम रख दिए हैं. अपनी परंपरा से समझौता किए बिना वे फैशनेबल हिजाब और बुर्का पहनने लगी है. वहीं हिजाब ग्लोबल फैशन मार्केट में अपनी एक नई जगह बनाने लगा है. डिजाइनर भी इस पर नए-नए प्रयोग कर रहे हैं.

अब मुस्लिम महिलाएं मजबूर नहीं बल्कि स्टाइल और फैशन में भी hijab का प्रयोग करने लगी हैं. अब रंग-बिरंगे बेहतरीन फैब्रिक के बेहद ट्रेंडी हिजाब मार्केट में उपलब्ध है जो कैरी करने में इजी करने के साथ-साथ स्टाइलिश भी हैं. शिफॉन, जॉर्जेट, सिल्क और कॉर्टन में फैशनेबल हिजाब आ गए है. बदलते फैशन के हिसाब से रंगों और पैटर्न में भी कई बदलाव किए जा रहे हैं. ऑन डिमांड भी हिजाब के डिजाइन तैयार होने लगें हैं और ऑन लाइन मार्केटिंग के कारण इसे घर पर मंगाना भी आसान है.
हिजाब का फैशन दुनियाभर में है. फैशन के अनुरुप रंग-बिरंगे कई प्रकार के hijab market में मौजूद है. दिल्ली में भी hijab का बड़ा मार्केट है. मीना बाज़ार में hijab कॉर्नर के मालिक नदीम खान बताते हैं हिजाब का मतलब अपने आप को छुपाना होता हैं, जिसमें वे सबको देखें लेकिन उन्हें कोई न देखे.” वे बताते हैं कि गर्मी हो या सर्दी हिजाब दोनों मौसम में भी पहना जा सकता हैं. यह महिलाओं की त्वचा और बालों को धूप, धूल और प्रदूषण से भी बचाता हैं. स्कूल-कॉलेज और ऑफिस जाने वाली दिल्ली- एनसीआर की लड़कियां हिजाब की सबसे बड़ी खरीदार होती हैं. दिल्ली आने वाले टूरिस्ट महिलाएं भी यहां के मार्केट से हिजाब खरीदना नहीं भूलती.

हिजाब एक अरबिक शब्द हैं. यह हिजाबी फैशन उन महिलाओं के लिए पसंदीदा बनकर उभरा जो हिजाब पहनकर पारंपरिक दिखने के साथ खुद को फैशनेबल और स्टाइलिश देखना पसन्द करती हैं. फैशन के बदलते मौसम में हिजाब मुस्लिम महिलाओं को अधिक फैशनेबल बना देता हैं. अधिकतर स्कूल गर्ल्स, कॉलेज गोइंग गर्ल्स और वर्किंग वीमेन हिजाब पहनना पसंद करती है.
तुर्की में महिला पुलिसकर्मियों को भी हिजाब पहनने की मंजूरी मिल गई है. स्कॉटलैंड और कनाडा पुलिस में भी शामिल मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने की मंजूरी है. ‘नीलोफर हिजाब’ की ब्रांड एम्बेस्डर नूर नीलोफा मोहम्मद नूर एक मलेशियाई सेलेब्रिटी है और उनके हिजाब पहनने के स्टाइल के लाखों दीवाने है. भारत की “इकरा रसूल” हिजाब पहनकर क्रिकेट खेलती हैं. इसी साल मिलान फैशन वीक में पहली बार हिजाब पहनकर रैंप पर उतरी मॉडल हलीमा एदन. इसकी वजह से सोमालिया मूल की हलीमा फैशन की दुनिया में बहुत चर्चित हो गईं. मुस्लिम देशों में हिजाब की मांग लगातार बढ़ रही है क्योंकि मुस्लिम महिलाएं अपना सिर ढंकना चाहती हैं क्योंकि क़ुरान में महिलाएं और पुरुष दोनों को सिर ढंकने की बात कही गई है. लेकिन हम इतना कह सकते हैं कि जब से हिजाब फैशनेबल हो गए वे महिलाओं के तरक्की के रास्ते के पत्थर नहीं साबित हो रहे.