किसी मॉडल या किसी हीरोईन की छरहरी काया देखकर क्या आप भी दिन-रात वजन कम करने के ख्यालों में डूबी रहती हैं? छरहरी काया पाने के लिए फिर अपने खान-पान के शेड्यूल के साथ छेड़छाड़ करने लगती हैं? पहले नाश्ता छोड़ना, फिर कैलोरी को नाप-नाप कर लेने लगती हैं? जान लीजिए यह लक्षण Eating Disorder के हैं.
कुछ किलो वजन कम करने के लिए नाश्ता छोड़ देना, या बहुत कम मात्रा में खाना या अपने खान-पान के शेड्यूल के साथ छेड़छाड़ करना Eating Disorder है. हर वक्त वजन कम करने के बारे में सोचते रहने से आप तनाव ले रही हैं और इससे आपकी सेहत को बहुत नुकसान पहुंच रहा है.
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एक नए शोध के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाएं जल्दी इस डिसऑर्डर का शिकार हो रही हैं. 19 से 51 आयु वर्ग की महिलाओं पर दस सप्ताह तक चले अध्ययन के आधार पर यह नतीजा निकला है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि मीडिया और समाज ने खूबसूरत दिखने के लिए पतले और छरहरे होने को भी एक अवधारणा के तौर पर स्थापित कर दिया है. इस वजह से महिलाएं ज्यादा इटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो जाती हैं.
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वे पतली दिखने की चाह में अपने खानपान में बहुत तब्दीली करती हैं जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ता है. बिना सोचे-समझे खाना छोड़ने के कारण वे एनिमिया और कमजोरी का भी शिकार हो जाती हैं.
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जितने ब्यूटी कांटेस्टेंट हैं उसमें पतली काया की लड़कियां ही चुनी जाती हैं. फिल्म में हीरोईन बनना हो या सक्सेफुल मॉडल इसके लिए पतले होना भी एक शर्त होती है. हीरोईनें मोटी हुई नहीं कि मीडिया में उन पर खबरें बनने लगती हैं.
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