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संयोगिता कंठ:

सितारों  भरी चमकती शाम के बीच मुंबई के यशराज फिल्म स्टूडियों में रविवार की रात एक शानदार कार्यक्रम में हरियाणा की Manushi Chhillar साल 2017 की फेमिना मिस इंडिया चुनी गईं हैं . मिस इंडिया चुने जाने के बाद सोनीपत की इस डॉक्टर ने सबसे पहले बात की महिलाओं की और कहा कि सरोगेसी पर पाबंदी लगाना बेमायने है. मानुषी ने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली के सेंट थॉमस स्कूल से की है .




जम्मू कश्मीर की साना दुआ फर्स्ट रनर अप और बिहार की प्रियंका कुमारी सेंकड रनरअप रही. साना दुआ ने ट्रिपल तलाक को ख़त्म करने पर ज़ोर दिया. प्रतिभागियों को तीस दिनों के ट्रेनिंग के बाद प्रतियोगिता के आखिर में एक सवाल पूछा गया कि इन तीस दिनों का सबक क्या है? इस पर मानुषी ने जवाब दिया कि समझ आया है कि ज़िंदगी में सिर्फ़ अनिश्चतिता ही निश्चित है और मैं चाहूं तो दुनिया में बदलाव ला सकती हूं, दुनिया बदल सकती हूं. इस तरह दुनिया बदलने का भरोसा रखने वाली Manushi Chhillar की तकदीर पल भर में बदल गई उन्हें मिस इंडिया विजेता घोषित किया गया.




पिछले कई साल से मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स जैसे मुकाबलों में भारत की सुंदरियों को कई जगह नहीं मिल पाई है, लेकिन देश में मिस इंडिया और राज्यों और अलग-अलग शहरों होने वाले ब्यूटी कान्टेस्ट्स में लड़कियों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. इस बार के मिस फेमिना इंडिया कान्टेस्ट में देश के सभी राज्यों की लड़कियों ने हिस्सा लिया.  इसमें नए राज्य तेलंगाना से लेकर नार्थ ईस्ट की लड़कियां भी शामिल रहीं. पिछले 54 साल से चल रही इस प्रतियोगिता में पहली बार चार ज़ोन बनाए गए और उन चार ज़ोन की प्रतियोगियों को तीस दिन तक अलग अलग एक्सपर्ट्स ने ट्रेनिंग दी ताकि उनकी पूरी पर्सनेलिटी में बदलाव आ सके.




इस तरह की प्रतियोगिताओं को लेकर कई बार विरोध के सुर भी उठते रहे हैं और इस पर भी बहस होती रही है कि ये सिर्फ़ बाज़ार का खेल है यानी ब्यूटी प्रोडक्ट्स और ऐसी ही कंपनियां अपने लिए मार्केट बनाने की कोशिश है. साथ ही इससे सावंले और साधारण नाक नक्श वाली लड़कियों को अपने में भरोसा कम होने लगता है .कुछ हद तक ये बात सही भी हो,लेकिन लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए खुद में भरोसा पैदा करना ही होगा, चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो, ये रास्ते आसान नहीं हैं.