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प्रतिभा ज्योति:

नोएडा की रहने वाली ममता (बदला हुआ नाम) ने इसी साल 12वीं में 94फीसदी अंक हासिल किया है. लेकिन वो भविष्य के रंगीन सपने बुनने के बजाए जिंदगी और मौत से जूझ रही है. नोएडा के नेहरु इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं पास करने के बाद ममता को जयपुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला भी मिल गया है लेकिन किसी की बदनीयती ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया है.

19 मई की रात ममता नोएडा सेक्टर 35 के अपने घर में  साढ़े 12 बजे रात में बाथरुम के लिए अपने कमरे से बाहर निकली थी लेकिन उसके कुछ देर बाद वह बेहोश हालात में मिली. ममता के पिता अरविंद का कहना है कि उन्हें पता ही नहीं चला कि उनकी बेटी बेहोश पड़ी है. उन्हें किसी पड़ोसन ने बताया. उन्होंने देखा कि उनकी बेटी के कान से खून बह रहा था, बाल बिखरे हुए थे. अरविंद के मुताबिक उनकी बेटी को गहरी चोट लगी है. वे बेटी को पहले नोएडा के शिवालिक हॉस्पिटल गए जहां से फिर मैक्स पटपड़गंज हॉस्पिटल में ले कर आए.

क़रीब 22 दिनों तक वहां रहने के बाद भी जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो बेटी को एम्स ले कर आए. अरविंद का कहना है कि एम्स में उनकी बेटी को एडमिट नहीं किया गया क्योंकि डॉक्टरों का कहना है कि इसका कोई इलाज नहीं है. 

वे बताते हैं कि उन्हें समझ ही नहीं आया है कि उनकी बेटी के साथ हुआ क्या? अपने कुछ गांववालों की मदद से उन्होंने तीन दिन पहले नोएडा सेक्टर 24 में एफआईआर दर्ज कराया है. गांववालों की मदद से ही वे अपने घर के सामने राशन वाले की दुकान में लगे सीसीटीवी में घटना की पूरी रिकॉर्डिंग भी देख ली है. उनका कहना है कि सीसीटीवी में दिख रहा है कि कोई लड़का टार्च जला कर उनकी बेटी को बाथरुम जाते देख रहा है और किसी से मोबाइल पर बात कर रहा है. उनका कहना है कि आरोपी को यह पता ही नहीं चला कि सीसीटीवी कैमरे में उसकी करतूत क़ैद हो रही है.

बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले अरविंद बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए दिल्ली आए थे. इलेक्ट्रिशियर का काम करने वाले इस पिता ने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की कोशिश की लेकिन बेटी की यह हालत देखकर उन्हें  दिल्ली आने के अपने फैसले पर अफसोस हो रहा है. वे फिलहाल अरविंद अपनी बेटी को न्याय दिलाने और उसकी जान बचाने के प्रयास में जुटे हैं. वुमनिया भी आपसे अपील करता है कि एक होनहार बेटी को बचाने के लिए आप आगे आईए….