‘WHO KILLED AARUSHI’-क्या तीसरा फैसला कर पाएगा इसका पर्दाफाश

974
Share on Facebook
Tweet on Twitter
arushi_talwar
arushi_talwar
प्रभाकर मिश्रा:
(कानूनी मामलों को कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार)
 

तीन जांच, दो फैसले..नतीजा शून्य. सवाल वहीं का वहीं रह गया- Who Killed Aarushi? इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद आरुषि के माता पिता राजेश और नुपुर तलवार ने रिहा हो गए. उन्होंने राहत की सांस ली होगी.  इस बात पर कि उन्हें न्याय मिला, सलाखों से आज़ादी मिली. उससे भी बड़ी राहत की बात ये कि अपने ही बेटी की हत्या के दोष के दंश से मुक्ति मिली, लेकिन एक दंश तो अब भी रहेगा कि उनकी एकलौती संतान आरुषि की हत्या आखिर किसने की!




दो अदालतें, दो फैसले

दो अदालतें और फैसले भी दो. ट्रायल कोर्ट ने आरुषि की हत्या के लिए मां-बाप को ही दोषी ठहराया था. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सीबीआई, राजेश और नूपुर तलवार के खिलाफ़ पुख्ता सबूत नहीं जुटा पायी इसलिए इन्हें बरी किया जाता है.




 

तीन जांच, तीन नतीजे

16 मई 2008 की रात को नोएडा के पॉश इलाकों में से एक जलवायु विहार में शहर के मशहूर डेंटिस्ट राजेश तलवार और नुपुर तलवार की बेटी आरुषि का गला कटा शव उनके घर में मिला. इस मामले में सबसे पहले शक, 45 साल के घरेलू नौकर हेमराज पर गया,  लेकिन 17 मई को हेमराज का शव तलवार के ही अपार्टमेंट से बरामद हुआ. 19 मई को मामले की जांच शुरू हुई जिसमें दिल्ली पुलिस भी शामिल हुई थी.




 
शुरुआती जांच के बाद मामला ऑनर किलिंग का लगा और आरुषि के पिता राजेश तलवार से पूछताछ हुई. मामला संदिग्ध लगा और पुलिस ने आरुषि की हत्या की पहली थ्योरी गढ़ी कि राजेश तलवार ने आरुषि और नौकर हेमराज को आपत्तिजनक हालत में देखा और वो अपना आपा खो बैठे थे.
 
Killed
प्रभाकर मिश्रा, कानूनी मामलों को कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार

पुलिस की थ्योरी के मुताबिक राजेश तलवार ने गुस्से में अपनी बेटी की हत्या की लेकिन तलवार दंपति और उनके दोस्तों की दलील थी कि बिना किसी साक्ष्य या फॉरेंसिक जांच के यूपी पुलिस उन्हें क्यों दोषी मान रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए राजेश तलवार को बलि का बकरा बना रही है लेकिन राजेश तलवार गिरफ्तार कर लिए गए.

 
मामले में दूसरी जांच शुरू हुई. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने आरुषि के हत्यारे की तलाश शुरू की. सीबीआई जांच में हर मोड़ पर सनसनीखेज जानकारियां सामने आती रहीं. अरुण कुमार की अगुवाई में जांच करने वाली टीम ने केस को सॉल्व करने का दावा किया और इस संबंध में तलवार के कंपाउंडर कृष्णा और दो घरेलू नौकर राजकुमार और विजय मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया,लेकिन इनके खिलाफ़ सीबीआई चार्जशीट दाखिल नहीं कर पायी और ये तीनों आरोपी रिहा हो गए.
 

2009 में तीसरी जांच शुरू हुई.

सीबीआई ने इस केस को दूसरी टीम को सौंपा. दूसरी टीम ने जांच प्रक्रिया में खामियों को दिखाते हुए मामले को बंद करने की सिफारिश की. परिस्थितजन्य साक्ष्य के आधार पर दूसरी टीम ने राजेश तलवार को मुख्य संदिग्ध माना लेकिन साक्ष्यों के ही कमी का हवाला देकर आरोपित करने से मना कर दिया.
 

सीबीआई की विशेष अदालत ने जांचकर्ताओं की दलील को ठुकरा दिया. अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर तलवार दंपति पर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया और उसी परिस्थितजन्य साक्ष्य के आधार पर  गाजियाबाद की सीबीआई की विशेष अदालत ने 26 नवंबर 2013 को तलवार दंपति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जिसे गुरुवार को इलाहबाद हाईकोर्ट ने बदलते हुए तलवार दम्पत्ति को रिहा कर दिया.

अब तीसरे फैसले की बारी

दो अदालतों ने दो फैसले दिए. अब इंतजार होगा देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के फैसले का. सीबीआई इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी, इसकी पूरी संभावना है, लेकिन जब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई, पुख्ता सबूत नहीं होने पर ट्रायल कोर्ट में ही हाथ खड़ा कर चुकी थी, हाईकोर्ट में अपने सबूतों को सही साबित नहीं कर सकी तो सुप्रीम कोर्ट में कुछ एक्सट्राऑर्डिनरी दलील दे पायेगी इसकी उम्मीद कम ही है, ऐसे में ये सवाल हमेशा सवाल बन कर रह जायेगा कि ‘Who Killed Aarushi ‘
 

महिलाओं से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करेंट्विटर पर फॉलो करे… Video देखने के लिए हमारे you tube channel को  subscribe करें

Facebook Comments