कविता सिंह:
अक्सर माता-पिता बच्चों की सेहत को लेकर परेशान रहते हैं. खान-पान पर सही तरीके से ध्यान रखकर बच्चों को पूरा पोषण दिया जा सकता है. इसके अलावा डाइट में थोड़े से बदलाव भी कारगर साबित होंगे. हमने इस बारे में बात की सीनियर डायटीशियन स्वर्णा व्यास से जो कि 13 साल से भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल और रिसर्च सेण्टर, भोपाल में चीफ क्लिनिकल और बैरियाटिक न्यूट्रीशान्लिस्ट हैं. डॉ. व्यास ने बताई बच्चों की डाइट कैसी हो?
डॉ.व्यास कहती हैं, ‘पांच से आठ साल की उम्र के बच्चों को दिन में लगभग 1500 से 1800 कैलोरीज की जरूरत पड़ती है. इसे पूरा करने के लिए डाइट चार्ट बनाना बेहतर होगा, जिससे बच्चे का सारा पोषण मिल सके. बच्चे की हाइट बढ़ने के लिए भी पोषक तत्व ही जिम्मेदार होते हैं.

ब्रेकफ़ास्ट:
किसी भी बच्चे के विकास में नाश्ते का अहम रोल है इसलिए ये मिस नहीं होना चाहिए. ध्यान रखें कि नाश्ता फाइबर से भरपूर हो. इसके साथ ही प्रोटीनयुक्त पदार्थ भी नाश्ते में शामिल होने चाहिए. नाश्ते में उपमा, पोहा(इसमें सब्जी, पनीर डालें तो बेहतर है), मल्टीग्रेन ब्रेड, ऑमलेट, ओट्स, व्हीटफलैक्स, ड्रायफ्रूट्स और लो फैट मिल्क हो तो बहुत ही अच्छा होगा.

लंच:
लंच का उद्देश्य नाश्ते के बाद की गई एक्टिविटीज से कम हुई एनर्जी को बूस्ट करना होता है. इससे बच्चे को शाम तक के लिए एनर्जी मिल जाती है. दिन के खाने में बदलाव के साथ इसे पोषक बनाया जा सकता है. रोटी और राइस को सादा देने से बच्चे खाने से बचते हैं इसलिए बेहतर है कुछ प्रयोग कर इसे इंट्रेस्टिंग बनाएं. जैसे रोटी में सब्जी, पनीर, चिकन को रैप कर रोल बनाया जा सकता है. चावल को टोफू, मिक्स सब्जियों के साथ टिफिन में देना ठीक रहेगा.

स्नैक्स:
इस बात ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को दिन और रात के खाने के बीच दो बार स्नैक जरूर दें. इससे उन्हें पूरा पोषण मिलेगा. ड्रायफूट-नट लड्डू, अंकुरित अनाज, फल, चीला, घर पर बनी चाट, ओट्स ढोकला, स्वीटकॉर्न या दाल बड़ा बेस्ट ऑप्शन हैं.
डिनर:
ये जितना हल्का हो उतना बेस्ट है. आजकल बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी का टाइम नहीं मिलता. ऐसे में हल्का खाना सही है. वेजिटेबल बेक्ड पराठा, वेजिटेबल उपमा, बनाना डोसा, एग डोसा, दाल-रोटी या थोड़ा दाल-चावल सही होगा.