प्रियंवदा सहाय:
अगर आपके बैंक एकाउंट में अचानक मोटी रक़म आ जाए जिसके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं है तो इसमें खुश होने वाली बात नहीं है. बल्कि इसकी जगह आपको चिंता करने की जरुरत है यह रकम आपके पास आई कैसे? हो सकता है कि किसी ने अपनी काली कमाई आपके एकाउंट में जमा करके बचने की कोशिश कर रहा हो. ऐसे में आपको तत्काल बैंक में शिकायत दर्ज करानी चाहिए क्योंकि इस तरह के मामलों में आयकर विभागग आपसे पूछताछ या कार्रवाई कर सकता है.
दरअसल नवबंर 2016 में नोटबंदी के बाद से देश में इस तरह की घटनाएं बढ़ी है. कॉरपोरेशन बैंक में अधिकारी प्रियंका सहाय बताती हैं कि हाल के दिनों में इस तरह के आर्थिक अपराध बढ़े हैं. ऐसे मामले बैंकों के सामने आए हैं जिनमें काली कमाने वाले मोटी रकम जानबूझ किसी अंजान खाते में डाल दे रहे हैं, फिर कुछ दिनों में बैंक से अनुरोध कर उस रकम को निकालकर अपने खाते में डाल लेते हैं. इस तरह अंजान बैंक खाते से रुपयों के लेन-देन होने से काली कमाई के मामले उजागर होने से बच जाते हैं और काफी हद तक ब्लैकमनी व्हाइट मनी में बदल दिया जाता है. (ब्लैकमनी यानी जिसरकम पर टैक्स नहीं दिया गया हो या जिसके बारे में किसी भी तरह का ब्यौरा सरकार के रिकार्ड में नहीं हो)
बैंक अधिकारी बताते हैं कि यह आयकर विभाग की आंखों में चालाकी से धूल झोंकने की कोशिश होती है. आमतौर पर ग्राहकों को इस बात की खुशी ज्यादा होती है कि उनके एकाउंट में अधिक रकम आने से उन्हें ब्याज ज्यादा मिलेगा लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं कि भविष्य में उन पर मुसीबत भी टूट सकती है. दरअसल आयकर विभाग किसी भी सालाना आय और उस अनुपात में भरे गए टैक्स दोनों को मिलाकर ग्राहक के व्हाइट मनी के बारे में आसानी से पता लगा लेती है. अगर आय से अधिक संपत्ति का पता चलता है तो आयकर विभाग बैंक खाता धारक से पूछताछ कर सकता है. मसलन-
आपके पास यह रकम कहां से आई?
इस रकम को पाने का मकसद क्या था?
एकाउंट में रकम ज्यादा है तो टैक्स देने में कोताही क्यों की?
अगर यह रकम आपकी नहीं है तो फिर समय से बैंक में इसकी शिकायत क्यों नहीं की?
ऐसे में कई परेशान करने वाले सवाल आपके सामने आ सकते हैं. ग्राहक एकाउंट में हो रहे गड़बड़झाले के बारे में पता नहीं होने के कारण इन सवालों का जवाब ठीक से नहीं दे पाता और मुसीबत में फंस जाता है. तो ध्यान रहे कभी भी एकाउंट में अचानक कोई मोटी रकम आ जाए तो अलर्ट जरुर हो जाएं.