मेरठ की रहने वाली Alia Khan जब कृष्ण का वेश धारण कर संस्कृत में श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक गाती है तो लोग हैरानी से उन्हें देखते रह जाते हैं. हाल में ही उसने गीता के संस्कृत श्लोक गाकर प्रदेश स्तरीय गायन प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, लेकिन आलिया खान के कृष्ण की वेशभूषा में गीता पाठ करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
मेरठ के बीके माहेश्वरी इंटर कॉलेज की छात्रा Alia Khan को गीता के श्लोक कंठस्थ याद है. वे एक साधारण मुस्लिम परिवार से हैं. वे कई मंचों से अपनी इस प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी हैं.
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ऐसे ही एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उसने दूसरा स्थान प्राप्त किया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 30 दिसंबर 2017 उसे सम्मानित भी किया था और 25 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया.
संस्कृत के श्लोक गाने के लिए आलिया कृष्ण की वेशभूषा धारण कर लेती हैं. सोमवार को कॉलेज के सम्मान समारोह में भी वे इसी वेश में थीं. बस इसी बात को लेकर विवाद शुरु हो गया है. देवबंदी मुफ्ती ने उसके गीता श्लोक पढ़ने और कृष्ण रूप धारण करने को इस्लाम विरोधी बताया है.
दारुल उलूम के ऑनलाइन फतवा विभाग के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी ने आलिया खान के इस रूप पर ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा है कि किसी भी मुसलमान बच्ची या बच्चे का जो स्कूल के छात्र हैं, ऐसे रूप को इख्तियार करना हमारे मजहब के ख़िलाफ है.
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अरशद फारुकी का कहना है इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं है. उनके मुताबिक मुसलमान बच्चों को ऐसी किसी भी बात या कार्यक्रम या ड्रामों में शामिल ना किया जाए जो उनके मजहब के खिलाफ हो.
हालांकि आलिया का कहना है कि वह पहले हिंदुस्तानी है. गीता धार्मिक किताब नहीं है. वह कर्म का ज्ञान देती है. ऐसा नहीं है कि गीता पाठ करके उसने अपना धर्म छोड़ दिया है. उसके मुताबिक कुछ लोग इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहते हैं.
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