शशि सिंहा:
किसी गायनोकोलोजिस्ट यानी फीमेल डॉक्टर के पास अगर सबसे ज्यादा फीमेल पेशेंट आती हैं तो इसकी दो बड़ी वजहें होती है. पहली प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए और दूसरा यूटीआई इंफेक्शन से परेशान हो कर. आमतौर पर तीस साल से ज़्यादा उम्र की महिलाओं को यूरीनरी ट्रैक इन्फेक्शन यानी यूटीआई की समस्या से आए दिन जूझना पड़ता है.
अगर आपको डायबिटीज़ है या फिर आप सार्वजनिक शौचालयों का ज़्यादा इस्तेमाल करती हैं तो फिर यूटीआई से बचना मुश्किल है. इसके बावजूद ज़्यादातर महिलएं इस परेशानी को लंबे समय तक छिपाए रखती हैं या फिर उन्हें समझ ही नहीं आता कि दिक्कत क्या है और वे सामान्य तौर पर इसे प्राइवेट पार्टस में खुजली के तौर पर देखती हैं
यूरिन इन्फेक्शन होने की संभावना लगभग 50 फीसद महिलाओं को होती है. इसकी बड़ी वजह पेशाब से जुड़े अंगों में होने वाला इन्फेक्शन है. जब कुछ कीटाणु पेशाब से जुड़े अंगों में चले जाते है तो वहां इन्फेक्शन हो जाता है और इस वजह से पेशाब में दर्द, जलन, कमर दर्द, बुखार आदि समस्याएं पैदा होने लगती है इसे यूरिन इन्फेक्शन या आम बोलचाल में यूटीआई कहते है.
यूरिन इन्फेक्शन से किडनी ,ब्लैडर, मूत्र नली यानी यूरीनरी ट्रैक पर असर पड़ता है. यह इन्फेक्शन जब मूत्राशय में होता है तो यूरीन पास करने में परेशानी होने लगती है. इसके और भी लक्षण हैं जैसे पेशाब करते समय दर्द, बार-बार पेशाब आना, जलन और खुजली आदि होने लगते है. मूत्राशय खाली होने पर भी बार-बार टॉयलेट जाने की ज़रूरत महसूस होती है. साथ ही बुखार हो और पीठ के निचले हिस्से में दर्द भी होता हो तो यह किडनी में इंफेक्शन की वजह से हो सकता है.
यूटीआई से बचने के 7 कारगर उपाय
1-हमेशा साफ टॉयलेट इस्तेमाल करने की आदत डालें.
2-सेक्स से पहले और बाद में प्राइवेट पार्ट्स की साफ सफाई का ध्यान रखें . इसके बाद यूरिनल ज़रूर इस्तेमाल करें जिससे मूत्र नली में बैक्टिरिया आदि नहीं रहे और साफ हो जाए.
3- कॉटन अंडरवियर काम में लें. नायलॉन अंडरवियर या टाइट जीन्स का उपयोग करने से नमी बनी रहती है जिससे बैक्टिरिया पनप सकते है.
4- बाथ टब के बजाय शॉवर या बाल्टी में पानी भर कर नहाएं. बाथ टब में टच से भी इन्फेक्शन होने की संभावना बनी रहती है.
5- पेशाब क प्रेशर को रोकिए नहीं, जब भी पेशाब आने जैसा लगे तुरंत जाएं चाहे किसी भी काम में बिजी हो. पेशाब को देर तक रोके रखना एक बड़ी वज़ह होती है यूरिन इन्फेक्शन की.
6-पानी पर्याप्त मात्रा में पीने रहना चाहिए.
7- डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें और उनके हिसाब से दवा लें , मेडिकल स्टोर्स से सीधे खरीद कर डॉक्टर की फीस बचा सकती हैं, लेकिन यह सौदा महंगा पड़ सकता है और मेडिसन बीच में ना छोड़े यानी पूरा कोर्स लें.