मानो लय और गति साथ ले कर पैदा हुई थीं MRINALINI SARABHAI, गूगल ने DOODLE बनाकर किया याद

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Mrinalini Sarabhai
100th birth anniversary of Mrinalini Sarabhai-Google Doodle pays tribute

मशहूर नृत्यांगना और कोरियोग्राफर Mrinalini Sarabhai के बारे में कहा जाता है कि वे गति और लय साथ लेकर पैदा हुई थीं. पद्मश्री, पद्मभूषण, संगीत नाटक अकदामी और कालिदास जैसे सम्मान से सम्मानित इस महान नृत्यांगना को आज उनके 100वें जन्मदिन पर Google ने Doodle बनाकर याद किया है.




गूगल ने जो डूडल बनाया है उसमें Mrinalini Sarabhai को छात्राओं को नृत्य सिखाते दिखाया गया है. एक दूसरे चित्र में वे हाथ में छाता पकड़ी हुई हैं. मृणालिनी साराभाई नृत्य को अपनी जीने का मकसद मानती थीं. वे मानती थीं कि नृत्य के प्रति उनकी दीवानगी है और नृत्य नहीं हो तो मेरा वजूद नहीं है….

Mrinalini Sarabhai के जीवन पर एक नजर डालते हैं….

1-केरल के सुब्बाराम स्वामीनाथन के परिवार में 11 मई 1918 को आज के ही दिन उनका जन्म हुआ था. पिता हाई कोर्ट में बैरिस्टर और लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल रहे. मां अम्मुकुटी ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया.




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2-उनकी बड़ी लक्ष्मी सहगल थीं जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज की महिला विंग की कमांडर थीं.

3-पूरा परिवार से अलग मृणालिनी में बचपन से ही नृत्य के प्रति झुकाव था. नन्हे पैर अक्सर थिरकने लगते थे.

4-नृत्य से उनका ध्यान हटाने के लिए पिता ने उन्हें स्वीटरजलैंड भेज दिया. जिस बात के लिए उन्हें देश से दूर भेजा गया वहां भी उसी बात ने उन्हें आकर्षित किया. स्वीटरजैंलड में उन्होंने स्विस डांस ‘डेलक्रोज यूरिथमिक्स’ सीखा.




5-न्यूयॉर्क की अमेरिकन एकेडमी ऑफ ड्रैमेटिक आर्टस से अभिनय के गुर और थिएटर की तकनीक सिखी.

6-वे भारत लौंटी. 1936 में रुक्मिणी देवी अरुंडेल ने कलाक्षेत्र फाउंडेशन की स्थापना की तो मृणालिनी वहीं नृत्य सिखने लगीं.

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7-साल भर वहां से भरतनाट्यम सिखा. बाद में उन्होंने मणिपुरी, मोहिनीअट्टम और कथकली भी सिखने लगीं.

8-उनकी शादी अहमदाबाद के औद्योगिक घराने के उत्तराधिकारी विक्रम साराभाई के साथ हुई.

Mrinalini Sarabhai
Mrinalini gets married to Vikram Sarabhai.(Cour: Scroll.in)

9-जिस समय वे नृत्य कर रही थीं उस समय इसे सम्मानित महिलाओं के लिए नहीं माना जाता था. पर उनके ससुर जी ने उनका साथ दिया और मृणालिनी ने नृत्य को अपना पेशा बना लिया.

10-अहमदाबाद में भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम और कथकली जैसे नृत्यों को लोकप्रिय बनाने का श्रेय मृणालिनी साराभाई को ही जाता है.

11-उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को नृत्य से जोड़ने के लिए 1949 में पति के साथ मिलकर अहमदाबाद में दर्पण एकेडमी की स्थापना की.

Mrinalini Sarabhai
(Pik Courtesy: iasinsights.in )

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12- देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु भी उनके मुरीद बन गए जब 1958 में उन्होने अपनी नृत्य संरचना ‘मनुष्य’ पर प्रस्तुति दी.

13- उन्होंने 300 से अधिक नृत्य नाटिकाओं को कोरियोग्राफ किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 18 हजार से ज्यादा लोगो ंको भरतनाट्यम और कथकली सिखाया है. दोनों भारतीय क्लासिकल डांस की अलग-अलग विधा है.

14-मृणालिनी साराभाई को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया. उन्हें 1965 में पद्मश्री और 1992 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया.  97 साल की उम्र में January 2016 में उनका निधन हो गया.

15-उनकी बेटी और शिष्या मल्लिका साराभाई भी प्रशिक्षित नृत्यांगना है और अपनी मां की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं.

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