Share on Facebook
Tweet on Twitter

जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी. वो एकांत जगह की तलाश में घूम रही थी कि उसे नदी किनारे ऊंची और घनी घास दिखी. उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिए.
मादा हिरन क्या करती ? वह प्रसव पीडा से व्याकुल थी .
अब क्या होगा ? क्या हिरनी जीवित बचेगी ?
क्या वो अपने शावक को जन्म दे पायेगी ?
क्या शावक जीवित रहेगा? या जंगल की आग सब कु्छ जला देगी ?
क्या मादा हिरनी शिकारी के तीर से बच पायेगी ?
या मादा हिरनी भूखे शेर का भोजन बनेगी?
वो एक तरफ आग से घिरी है और पीछे नदी है, क्या करेगी वो ?

उसने अपने आप को शून्य में छोड़ा और  अपने बच्चे को जन्म देने में लग गयी .
कुदरत का करिश्मा देखिये ..
बिजली चमकी और शिकारी को तीर छोड़ते समय आंखे चौंधिया गयी और उस का तीर हिरनी के पास से गुजरता हुआ शेर को जा लगा. घनघोर बारिश शुरू हो गयी और जंगल की आग बुझ गयी. हिरनी ने शावक को जन्म दिया .

हमारे जीवन में भी कु्छ क्षण ऐसे आते है जब हम चारों तरफ से समस्याओं से घिरे होते है और कोई निर्णय नहीं ले पाते. तब कुछ पल ऐसे आते हैं कि हम शून्य हो कर सब कुछ नियति के हाथो में छोड़ देते है जैसे उस हिरनी ने किया.
जो पहली प्राथमिकता है वो करो जैसे हिरनी ने शावक को जन्म दिया वो उस समय उसकी प्राथमिकता थी.  प्रभु  आप के साथ है वो सब अच्छा करेंगे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here