सुगंधा:
वो बेतहाशा ‘किस’ किए जा रहा था, बिना रुके, अनवर, बार-बार. उसके होंठ थरथराने लगे थे. गालों पर सुर्खी के साथ गर्माहट महसूस होने लगी, कार की हल्की सी खुली खिड़की से ठंडी हवा ने उसे छूआ तो सड़क पर तेजी से दौड़ती गाड़ियों पर नज़र पड़ी. सब बेखबर भागे जा रहे थे और वो सब से बेख़बर पागल हुए जा रहा था. उसका उसे चूमना जारी था. उसे शायद उम्मीद ही नहीं थी, अंदाज़ा ही नहीं रहा होगा कि ऐसा भी हो सकता है, वैलेंटाइन डे का इतना खूबसूरत उपहार. उसका चेहरा उसमें नज़र आ रहा था. मोटी-मोटी कजरारी आंखें..तीखी नाक मलाई में केसर घुले रंग का मुस्कराता चेहरा ..
वो उसकी प्रियतमा, वो उसकी मोहब्बत, वो उसकी सांस, वो उसकी धड़कन ,वो उसकी रत्नावली, वो उसकी महारानी, वो उसकी पटरानी, उसकी राधिका, उसके बदन की खुशबू, रगों में दौड़ते ख़ून की तरह महसूस करता उसे, कितने नाम, कितने रूप ..हां किसी ने ऐसे प्यार नहीं किया होगा उसे, नहीं, शायद किसी को भी नहीं, किसी ने भी नहीं.. उनकी गाड़ी आगरा की भीड़ भरी सड़कों पर दौड़ती जाती और वे दोनों दुनियां जहां की बातें करते रहते, लेकिन कई बार लगता कि वे दोनों अलग-अलग क्यों बातें करते हैं, क्योंकि अक्सर दोनों एक ही बात बोलते और सुन कर फिर हंस पड़ते. वो धीरे से उसके सीने पर सिर रख देती .
गाने का उसे शौक था, लेकिन फिर उसका मन हुआ कि वो डांस सीखे, एक बड़े कथक गुरु से जब डांस सीखना शुरु किया तो पहले दिन ही उससे मुलाकात हो गई. पहली मुलाकात लेकिन लगा कि दोनों एक दूसरे को बरसों से जानते हैं, पर बात आगे नहीं बढ़ी. शायद दोनों एक दूसरे के आगे बढ़ने का इंतज़ार कर रहे हों, लेकिन क्लास में आने वाले दूसरे लोग उनका चेहरा पढ़ने और समझने लगे थे. इसी दौरान उसे नया काम मिल गया और वो अहमदाबाद चला गया. लगा कि अब घुंघरुओं की आवाज़ धीमी पड़ जाएगी, लेकिन हुआ उससे उलट .. वो आवाज़ गहरी होती गई और साथ ही प्यार भी, दूरियां उन्हें और करीब ले आई थी.
साल भर बाद जब वो लौटा तो लगा कि बस एक दूजे के लिए बने हों दोनों. आज के ज़माने में कहीं होता है ऐसा प्यार..वो अक्सर कहती कि इतना प्यार क्यूं किया तुमने? यह कहते-कहते उसके सीने में सिमटने लगती और वो उसके माथे को चूमता और कहता कि तुम्हारे प्यार के समुंदर में डूबना चाहता हूं. घंटो-घंटों दुनिया जहान की बातें करते रहते लेकिन उसने मर्दों की तरह पहल नहीं की थी, वो उसके बदन की तारीफ़ तो करता, मगर बिना उसकी इच्छा के आगे नहीं बढ़ना चाहता और वो भी शायद ऐसा ही सोचती रहती . प्यार गहरा होने लगा था.
गाने का उसे शौक था, लेकिन फिर उसका मन हुआ कि वो डांस सीखे, एक बड़े कथक गुरु से जब डांस सीखना शुरु किया तो पहले दिन ही उससे मुलाकात हो गई. पहली मुलाकात लेकिन लगा कि दोनों एक दूसरे को बरसों से जानते हैं, पर बात आगे नहीं बढ़ी. शायद दोनों एक दूसरे के आगे बढ़ने का इंतज़ार कर रहे हों, लेकिन क्लास में आने वाले दूसरे लोग उनका चेहरा पढ़ने और समझने लगे थे. इसी दौरान उसे नया काम मिल गया और वो अहमदाबाद चला गया. लगा कि अब घुंघरुओं की आवाज़ धीमी पड़ जाएगी, लेकिन हुआ उससे उलट .. वो आवाज़ गहरी होती गई और साथ ही प्यार भी, दूरियां उन्हें और करीब ले आई थी.
साल भर बाद जब वो लौटा तो लगा कि बस एक दूजे के लिए बने हों दोनों. आज के ज़माने में कहीं होता है ऐसा प्यार..वो अक्सर कहती कि इतना प्यार क्यूं किया तुमने? यह कहते-कहते उसके सीने में सिमटने लगती और वो उसके माथे को चूमता और कहता कि तुम्हारे प्यार के समुंदर में डूबना चाहता हूं. घंटो-घंटों दुनिया जहान की बातें करते रहते लेकिन उसने मर्दों की तरह पहल नहीं की थी, वो उसके बदन की तारीफ़ तो करता, मगर बिना उसकी इच्छा के आगे नहीं बढ़ना चाहता और वो भी शायद ऐसा ही सोचती रहती . प्यार गहरा होने लगा था.