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संयोगिता कंठ:

‘पिया का घर है ये रानी हूं मैं…..रानी हूं इस घर की’ क्या आप भी अक्सर किचन में  यह गीत गुनगुनाती हैं, या रेडियो पर बज रहे किसी और म्यूजिक का लुत्फ लेते हुए खाना बनाया है? यदि आपका जवाब हां में है तो आप खुशमिजाज महिला है और खाने में अपनी खुशी का जायका जरुर ले कर आती होंगी. यदि आप नहीं में जवाब देने जा रही हैं तो अब जान लीजिए कि म्यूजिक दिन भर की भागदौड़ के बाद आपके मन-मस्तिष्क को तरोताज़ा बना देता है. यानि आप तनावमुक्त रहेंगी और आप ने जो भी बनाया आपके घरवाले उसे बहुत ही प्यार से खाएंगे.

हम बताते हैं कि आपको कि किचन में म्यूजिक का लुत्फ उठाते हुए खाना बनाने में  कितना मज़ा आता है.

खाना पकाना एक कला है, लेकिन यदि आप तनावग्रस्त हो कर बनाएंगी तो ताजी सब्जियों और ताजे अनाज और खूब बढ़िया मसालों का इस्तेमाल करने पर खाना बेमजा लगेगा. लेकिन यदि आप कोई गीत-संगीत सुनते हुए खाना बनाएंगी तो आपके खाने के स्वाद को दोगुना कर देगा. म्यूजिक तनाव के स्तर को कम करता है. यह हमारे अंदर तल्लीनता लाता है और हमारे मन को खुश रखता है.

कई मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि म्यूजिक हमारे अंदर के तनाव को या तो बेहद कम कर देता है या छू मंतर कर देता है. इससे आप जो भी बनाएंगी उसमें आपके अच्छे और खुश मन का स्वाद मिल जाएगा.

किसी खास म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की आवाज जैसे बांसुरी, सितार, तबला या कोई भी ऐसा इंस्ट्रूमेंट जो आप भी कभी बजाती थीं या बजाना चाहती हैं या बजा रही हैं  उसे सुने. इससे आपके दिमाग को बहुत आराम पहुंचेगा.म्यूजिक अकेलेपन के एहसास को कम देती है.  धुन, गाने की लय, गायक-गायिका की आवाज ऐसा महसूस कराएगी मानो आप सबके बीच में हों. यह एहसास आपके मूड को खुशनुमा बना देती है.

तो किचन को म्यूजिक से खुशनुमा बनाने के लिए क्या किया जाए?

बेहद आसान उपाय है. अपने किचन या घर में आप जहां भी चाहें एक रेडियो या म्यूजिक सिस्टम रखें. जब भी किचन में खाना बनाने जाएं तो अपना पसंदीदा संगीत बजा लें.

यह कुछ भी हो सकता है, भजन, गजल, फिल्मी रोमांटिक गाने, कव्वाली या वो सब संगीत जो आपको पंसद हो. तो गुनगुनाइए और खूब खिलाइए…….

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