मुमकिन है कि आने वाले दिनो में Schools के बसों को चलाने का काम केवल महिलाएं ही करेंगी. यानी Woman Bus Driver तैनात की जाएंगी. स्कूल में बच्चियों को Safe Environment देने के लिए केंद्र सरकार ऐसे ही एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है. ऐसा करने से न केवल प्रशिक्षित महिलाओं को रोज़गार मिल सकेगा बल्कि स्कूली बच्चों के साथ होने वाले Sexual Crime की घटनाएं भी कम होगी.
वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने उस मसौदे को तैयार किया है जिसमें लड़कों के लिए Home Science को अनिवार्य बनाने का भी प्रस्ताव है. दरअसल सरकार महिलाओं के लिए एक National Policy तैयार कर रही है. उसके मुताबिक़ लैंगिक समानता, महिलाओं के लिये रोज़गार के अवसर, कर छूट जैसे कई प्रावधान शामिल हैं. यह प्रस्ताव है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूली पाठ्यक्रम फिर से तैयार करे जिसमें शुरूआती से ही शिक्षा के ज़रिए लैंगिक समानता को बढ़ावा मिल सके.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकार कहते हैं कि लड़के लड़की में भेदभाव नहीं हो, सिर्फ ऐसा कहने भर से समाज की स्थिति में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन यदि बच्चों को इसी आधार पर शिक्षित किया जाए तो ऐसा करना संभव है. यह भी प्रस्ताव है कि कॉरपोरेट और कॉमर्शियल ज़ोन में कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिये डे केयर की अनिवार्य व्यवस्था हो ताकि बच्चों की देखरेख के साथ काम करना आसान हो सके. साथ ही सभी हाउसिंग कॉमप्लेक्स में भी निश्चित तौर पर Day Care की व्यवस्था करने के विकल्प निकालने की बात कही गई है. यह महिला कर्मचारियों की सुविधा और बच्चों के विकास के लिये मौजूदा समय की ज़रूरत है.